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क्रांतिकारी और आम जन के हित का फैसला।

अमरदीप नारायण प्रसाद

बहुत जल्द पूरे देश मे निजी स्कूल के फीसों को सरकार निर्धारित आएगी।

देश के कई राज्यों की तरह अब बिहार सरकार भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने जा रही है. बिहार सरकार ने स्कूलों की मनमानी पर नियंत्रण के लिए फीस रेग्यूलेशन प्रस्ताव बना लिया है. फिलहाल इसे शिक्षा मंत्री के विचारार्थ भेजा गया है. शिक्षा मंत्री की स्वीकृति के बाद इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की सहमति प्राप्त कर इसे लागू किया जा सकेगा.
एक प्रमुख अखबार की खबर के अनुसार बिहार के शिक्षा विभाग ने तमिलनाड, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए बनाए गए कानून का अध्ययन करने के बाद बिहार का फीस रेगुलेशन प्रस्ताव बनाया है. शिक्षा विभाग ने अपर सचिव के. सेंथिल कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी को फीस रेगुलेशन प्रस्ताव तैयार करने का जिम्मा सौंपा था. कमेटी ने अब अपना प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंप दिया है.
यह कानून लाकर बिहार सरकार तय कर सकती है कि प्राइवेट स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों से कितनी फीस ली जानी चाहिए. साथ ही संस्थान वर्ष में एक बार में फीस में कितनी वृद्धि कर सकते हैं. फीस का निर्धारण स्कूल में छात्रों की संख्या और संस्थान के इंफ़्रास्ट्रक्चर पर भी निर्भर करेगी. बहुत संभावना है कि इस महीने के अंत तक प्रस्ताव पर सरकार ठोस निर्णय ले लेगी.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने एक अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि प्राइवेट स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों की फीस व वहां व्याप्त अन्य अनियमितताओं पर अंकुश के लिए कानून बनाए. जिसके बाद शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी की सहमति के बाद अपर सचिव के. सेंथिल कुमार की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई थी.
यह भी बतातरे चलें कि इस प्रस्ताव में दूसरे राज्यों में लागू फीस कानून का हवाला देकर साफ़ कहा गया है कि बिहार में निजी संस्थान, स्कूल छात्रों से अधिक फीस ले रहे हैं. दूसरे राज्यों में निजी स्कूलों में फीस निर्धारित करने का अधिकार सरकार के पास है. बिहार में भी यह व्यवस्था अपनाई जा सकती है.

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