मुजफ्फरपुर के रहने वाले प्रशांत कुमार ने शुरू किया है। वे नई टेक्नोलॉजी पर बेस्ड E साइकिल बनाकर देशभर में सप्लाई कर रहे हैं। पिछले 8 महीने में उन्होंने 250 से ज्यादा E साइकिल की सेल की है और 25 से 30 लाख रुपए का बिजनेस जेनरेट किया है।
हार्ले डेविडसन की तर्ज पर बाइक डेवलप कर रहे थे, लॉकडाउन लगा तो E साइकिल लॉन्च की
52 साल के प्रशांत कुमार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास्टर्स करने के बाद 10 साल तक सेल्स मार्केटिंग का काम किया। इसके बाद कुछ सालों तक मोटर बनाने वाली कंपनियों के साथ काम किया। फिर उनकी दिलचस्पी बढ़ी तो अलग-अलग मोटर्स को लेकर रिसर्च करना शुरू कर दिया। उन्होंने परमानेंट मैग्नेट जेनरेटर (PMG) भी डेवलप किया। इसकी कामयाबी के बाद इलेक्ट्रिक बाइक डेवलप करने को लेकर उन्होंने काम शुरू कर दिया।
प्रशांत के मुताबिक बहुत हद तक यह E साइकिल एक आम साइकिल की तरह ही है। इसे ऑपरेट करना बिलकुल आसान है। साथ ही इसका मेंटेनेंस भी किफायती और सहूलियत भरा है। अगर किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो एक कॉमन साइकिल रिपेयरिंग करने वाला इसकी मरम्मत कर सकता है।
एक साइकिल को बनाने में 20 से 22 हजार रुपए की लागत आती है। जबकि कस्टमर्स को वे 35 हजार रुपए में सप्लाई करते हैं।
प्रशांत की कंपनी एक साल की वारंटी देती है। इस दौरान अगर बैट्री खराब होती है तो वे नई बैट्री प्रोवाइड कराते हैं। अगर मोटर से रिलेटेड किसी तरह की दिक्कत होती है तो वे साइकिल ही रिप्लेस कर देते हैं। हालांकि पिछले 8 महीने में इस तरह की दिक्कत अभी तक नहीं आई है।
न लाइसेंस की दिक्कत, न चालान का डर
प्रशांत कहते हैं कि यह साइकिल अधिकतम 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकती है। इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती है और न ही चालान कटने का डर है। कोई भी महिला, बुजुर्ग, यहां तक कि बच्चे भी आराम से इस साइकिल को चला सकते हैं। हमारे ज्यादातर कस्टमर्स ऑफिस या स्कूल-कॉलेज में काम करने वाले लोग हैं।